Categories
Aunty Sex Story Bhabhi Bhabhi Sex

भाभी की चाची चुदी सरसों के खेत में- 1

सेक्सी चाची हॉट कहानी मेरी भाभी के पीहर से उनकी चाची के साथ सेक्स की है। मैं भाभी के मायके गया तो उनकी चाची के साथ मुझे वक्त बिताने का मौक़ा मिला.

सभी चूत की रानियों और लंड के महाराजाओं को मेरा प्रणाम।
मैं रोहित एक बार फिर से हाज़िर हूं कामवासना के समुंदर में डूबी हुई कहानी लेकर!
उम्मीद करता हूं ये सेक्सी चाची हॉट कहानी रानियों को चूत में लंड लेने और महाराजाओं को चूत की फांकों को चीरने पर मजबूर कर देगी।

मैं 22 साल का लौंडा हूं। मेरा लन्ड 7 इंच का है जो किसी भी चिकनी, रसीली चूत और काले जामुन जैसे भोसड़े की गहराई में जाकर उतर सकता है।
या यूं कहें कि किसी भी चूत को चुदते वक्त भरपूर मज़ा देने में सक्षम है।

मगर ये भी सच है कि अभी तक मैंने भोसड़े ही चोदे हैं; कोई कच्ची कली मेरे लन्ड के नीचे नहीं आई है।

मैं पूजा भाभी को अच्छी तरह से चोद चुका था और उनकी गांड में मेरा मूसल ठूंसकर गांड भी फाड़ दी थी। आपने पूजा भाभी की चुदाई की कहानी नहीं पढ़ी है तो मेरी कहानियों में जाकर आप पढ़ सकते हैं।

फिर पूजा भाभी के पापा की तबियत बिगड़ी और वो उनके मायके चली गई।

इसी बीच मैंने सरिता मामीजी को फिर से मेरे लन्ड के नीचे ले लिया था और फिर हमारे बीच जमकर लंड और चूत का घमासान हुआ था।

अब मैं अपनी आज की कहानी को आगे बढ़ाता हूं।

पूजा भाभी उस दिन अपने मायके से लौटी थी।
उनको देखकर मेरा चेहरा खिल उठा।
साथ में उनकी चाची भी आई थी।

भैया ने बताया कि चाचीजी को उनके पीहर में कुछ काम था इसलिए चाचीजी को हम साथ में ले आए। वो आज रात यहीं रुक जाएंगी। उधर आने-जाने के साधन भी बहुत कम चलते हैं इसलिए सुबह इनको घर छोड़ आयेंगे।

तो दोस्तो, रात में हमने खाना खाया।
इस दौरान पूजा भाभी से सिर्फ थोड़ी सी बातचीत हुई।

पूजा भाभी को देखकर मेरे लन्ड की बाछें खिल उठी थीं लेकिन फिर मैंने सोचा कि आज रात तो जैसे तैसे करके निकालनी ही पड़ेगी।

मैंने सोचा कि सुबह जब भैया उनकी चाची सास को घर छोड़ने जाएंगे तब मैं अपने लन्ड की पूरी कसर निकाल लूंगा।
ये सोचकर मैं पड़े पड़े लंड को मसलकर सो गया।

फिर सुबह हो गई।
चाय नाश्ता करने के बाद दोपहर को हमने खाना खाया।

चाचीजी भी जाने के लिए तैयार थी।
अब भैया के खेत से आने का इंतजार था।

थोड़ी देर बाद भाभी के पास फोन आया कि भैया को खाद लेने दूसरे गांव जाना पड़ेगा इसलिए रोहित चाचीजी को उनके पीहर छोड़ आयेगा।

ये सुनकर मुझे बड़ा झटका लगा और मेरा लन्ड ठंडा पड़ गया।
मैंने सोचा, आज तो अब पूजा भाभी की चूत मिलने से रही।

खैर, अब मैं कर भी क्या सकता था।
मैं और चाचीजी वहां से बाइक पर निकल पड़े।

वो कपड़ों की पॉलीथिन को पकड़े हुए बैठी थी और मैं बेहद दुखी मन से बाइक चला रहा था।
चारों ओर खेतों में फसलें लहलहा रही थीं।

गेहूँ की फसल तो अभी भी हरी थी लेकिन सरसों पीली पड़ चुकी थी।

रास्ते में पूरी सड़क टूटी हुई थी। सड़क में जगह-जगह गड्ढे बने हुए थे जिस वजह से बाइक चलाने में दिक्कत आ रही थी और चाचीजी को संतुलन बनाने में भी परेशानी आ रही थी।

अब चाचीजी को मजबूर होकर एक हाथ मेरे कंधे पर रखना पड़ा।
उनके हाथ रखते ही मेरे जिस्म में करंट सा दौड़ गया।
फिर मैंने नॉर्मल समझते हुए ज्यादा कुछ नहीं सोचा और गाड़ी चलाने पर ध्यान देने लगा।

अब बीच-बीच में जैसे ही कोई छोटा-मोटा गड्ढा आता तो चाचीजी के बूब्स की रगड़ मेरे जिस्म पर पड़ने लगी जिससे मेरे लन्ड महाराज नींद में से जागने लगे।
चाची पीछे सरक जाती लेकिन फिर गड्ढा आते ही उनका जिस्म मेरे जिस्म से टच कर जाता और फिर से मेरा लंड खड़ा हो जाता।

ये बात वो भी अच्छी तरह से समझ चुकी थीं कि उनके स्तनों की रगड़ मेरे जिस्म पर पड़ रही है लेकिन वो मजबूर होकर चुप बैठी हुई थीं।

मैंने अपने आप को रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन आखिर मैं भी क्या करता।
उनके मुलायम स्तनों के बार बार घर्षण ने मेरे लन्ड को पूरी तरह से जगा दिया।

अब मेरा लन्ड पैंट में तनकर खड़ा हो चुका था।
मुझे भी उनके बोबों पर पीठ रगड़ने में मज़ा आने लगा।

अब मैं खुद जानबूझकर पीछे खिसकर चाचीजी के स्तनों को मेरे जिस्म से रगड़ने लगा।

पीठ पर स्तनों की रगड़ से बचने के लिए वो अब पीछे सरकने लगी।
मगर वो मुझसे ज्यादा बच नहीं सकती थी क्योंकि गड्ढों में बाइक बार बार उछल रही थी।

अब मैं बाइक चलाते हुए बीच-बीच में मेरे लंड को मसलने लगा।

चाची- लगता है आपको गाड़ी सही तरीके से चलानी नहीं आती?
मैं- चाचीजी ऐसी बात नहीं है। बस ये सड़क ही खराब है।
चाचीजी- लेकिन इस सड़क के चक्कर में मुझे सीट पर बैठना मुश्किल हो रहा है।

मैंने चुटकी लेते हुए कहा- मेरा भी तो गाड़ी चलाना मुश्किल हो रहा है। आप अपने आप को संभालो, नहीं तो मैं गाड़ी नहीं चला पाऊंगा। आप मेरी बात समझ रही हो ना?

चाचीजी- हां, मैं आपकी बात समझ रही हूं। लेकिन मैं कैसे क्या करूं? एक ये सड़क इतनी खराब है और ऊपर से अब आप भी पीछे सरकते जा रहे हो। आपको तो पूरा मज़ा आ रहा है।

अब मैंने खुलते हुए कहा- मज़ा तो आप दे रही हो। अगर कोई चीज मिल रही हो तो उसे लेना चाहिए।
चाचीजी- अच्छा जी? अपनी ही समधन पर लाइन मार रहे हो? मार लो … मार लो … आखिरकार आपके पास मौका है।

मैंने मज़ाक में कह- समधन जी … अगर पूरा मौका दो तो गाड़ी यहीं रोक दूं? पास में खेत भी हैं।
चाची हंसती हुई बोली- चुप रहो आप तो … और चुपचाप गाड़ी चलाओ। कोई लड़की नहीं मिली क्या आपको? जो मेरे ऊपर लाइन मार रहे हो?

उनसे मैं बोला- नहीं मिली … तभी तो आपके ऊपर लाइन मार रहा हूं। आखिरकार आप हमारी समधन जी हो।
चाची- समधन हूं तो इसका मतलब आप मेरे मजे लोगे?

मैं- समधन जी, अब मैं क्या मज़ा लूंगा? वो तो आप खुद ही दे रही हो। आप अच्छे से बैठो। आपके उनकी (बूब्स की) रगड़ से मुझे दो सौ वाट का करंट लग रहा है।

चाची- रोहित जी … करंट तो लगेगा ही … सड़क ही ऐसी है। अब आप जानो और आपका करंट … मैं कुछ नहीं कर सकती। आप कहो तो आपको कसकर पकड़ लूं?

मैं- आप मुझे कसकर तो पकड़ सकती हो लेकिन सोच लो … फिर मैं आपकी जन्नत की सैर करवाए बिना नहीं मानूंगा।
चाची- जन्नत की सैर करने के लिए पहले माल सेट करना पड़ता है। तब जन्नत की सैर करने का मौका मिलता है रोहित जी। कोई लड़की पटा लो, फिर खूब जन्नत की सैर करना।

उनसे मैं बोला- आपकी बात सही है लेकिन मैं तो कोई आपकी जैसी ही पटाऊंगा जो फुल मज़ा दे।
चाची- हां, ज़रूर … मेरी जैसी पटा लेना।
मैं- आप ही पट जाओ ना समधन जी?
इस पर वो जोर जोर से हंसने लगीं।

इस तरह से मस्ती मज़ाक करते हुए हम आगे बढ़ते जा रहे थे और चाचीजी के मुलायम बोबे मेरी हालत खराब किए जा रहे थे।
तभी अचानक एक बड़ा गढ्डा आ गया और बाइक गड्डे में से होकर गुजरी। इसी समय चाचीजी उछलकर मेरे जिस्म से पूरी तरह से चिपक गई।

उनके बोबे मेरी पीठ से सट गए और उनका हाथ सीधा मेरे खड़े हुए लंड पर आकर लगा।
अब मेरा लंड आंधी से तूफान बन गया।

जैसे तैसे करके मैंने गाड़ी को संभाला और गाड़ी चलाने लगा।
हम दोनों चुप थे।

चाचीजी लज्जा से पानी पानी हो चुकी थी।
अब चाचीजी जान चुकी थी कि उनके स्तनों के घर्षण ने मेरे लन्ड को खड़ा कर दिया है।

मेरे मन में चाचीजी के लिए गलत ख्याल आने लगे और मैं उनकी चूत मारने के बारे में सोचने लगा।
तभी मैंने कुछ सोचा और थोड़ी दूर मैंने बाइक को बंद करके रोक दिया।

बाइक को रोकते ही चाचीजी ने बाइक पर बैठे बैठे ही पूछा- क्या हुआ?
मैं- शायद इसके प्लग में थोड़ी सी खराबी आ गई है।

हम दोनों नीचे उतरे। मैं उनके बदन को निहारने लगा और देखने लगा कि इस माल में कितना सोना है।

मैं आपको चाचीजी के शरीर की बनावट के बारे में बता देता हूं।
वो लगभग 41- 42 साल की होंगी। उनक नाम कलावती (बदला हुआ नाम) है। चाचीजी का एकदम गोरा चिकना बदन और होंठों पर गहरी लिपस्टिक लगी हुई थी।

उनके ब़ड़े बड़े आम की तरह झूलते हुए बूब्स 34 साइज के थे जिनको गहरे हरे रंग की साड़ी ने ढक रखा था। चाचीजी की 32 की कमर थी और उनके गोरे चिकने पेट पर भरपूर चर्बी चढ़ी हुई थी।

उनकी 34 साइज की बड़ी उठी हुई गांड अब मुझे पागल करने लगी थी।
अब मेरा लन्ड पैंट को फाड़कर बाहर आने के लिए गोते खाने लगा था। मैं निश्चय कर चुका था कि कलावती के भोसड़े में लंड ठोकना ही है।

मैं प्लग को ठीक करने का नाटक करने लगा।
कुछ ही देर में मैंने प्लग को खोलकर वापस लगा दिया।

अब मैंने सोचा कि हमारे बीच इतनी गर्मा गर्म बातें तो हो ही चुकी हैं और चाचीजी ने लंड को भी पकड़ लिया है तो अब क्यों न इनको लंड के दर्शन करवाए जाएं?

तभी मैंने आस-पास देखा तो कोई नहीं था। अब मैंने चाचीजी के पास ही खड़े होकर लंड को बाहर निकाला और पेशाब करने लग गया।
चाचीजी पीछे सरकने लगी।

मैं पेशाब कर रहा था और चाची को नीचे ही नीचे देख रहा था।
मेरा लंड तना हुआ था इसलिए पेशाब भी धीरे धीरे निकल रहा था।

चाची ने एक बार तिरछी नजर से मेरे लंड को देखा और फिर अपना मुंह घुमा लिया।
फिर मैंने भी नजर आगे कर ली।

उसके बाद मैंने लंड को अंदर कर लिया और फिर चेन बंद करके बाइक स्टार्ट की।
हम दोनों फिर से निकल पड़े।

अब मेरे अंदर चुदाई की आग भभक चुकी थी।
मैं किसी भी तरह अब लंड को शांत करना चाहता था और इसके लिए मैं कुछ भी करने को तैयार था।

चलती हुई बाइक पर मैंने पैंट की चेन को खोला और फिर लंड को बाहर निकाल लिया।
बीच रास्ते में जब भी कोई सामने से आता तो मैं उस पर शर्ट को ढक लेता था।

फिर एक गड्ढे का बहाना लेकर मैंने जोर से ब्रेक दबाए और चाची एकदम से मेरी पीठ पर आकर लगी और उनका हाथ सीधा मेरे गर्म और कड़क लंड पर आ गया।

चाची ने लंड को कुछ पल के लिए पकड़े रखा बल्कि भींचकर भी देखा।
फिर उसने हाथ हटा लिया।

तभी मैंने उनको चिढ़ाते हुए कहा- कलावती जी … खेत पास में ही है। मौके का फायदा उठा लीजिए।
चाची- अभी तो मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है। मैं इतनी आसानी से नहीं पिघलूंगी।

मैं- कलावती जी, आप तो पट चुकी हो, अब कुछ छिपाओ मत!
चाची- मैं आपसे तो किसी भी हालत में नहीं पटूंगी, कोशिश करके देख लो।
मैं- ठीक है, लाओ वो कपड़ों की पॉलीथिन मुझे दे दो। आपको बैठने में दिक्कत हो रही है।

चाची ने चुपचाप पॉलीथिन मुझे पकड़ा दी और मैंने पॉलीथिन को बाइक की टंकी पर रख लिया।
अब उनका दूसरा हाथ फ्री हो चुका था।

तभी मैंने उनका हाथ आगे खींचा और हाथ में मेरा नंगा लंड पकड़ा दिया।
उन्होंने हाथ वापस हटा लिया।

मैंने फिर से उनका हाथ पकड़ कर लंड पर रखवा दिया।
वो हाथ हटाने लगी तो मैंने मेरे एक हाथ से उनका हाथ पकड़कर लंड को पकड़ाए रखा।

जब वो नाटक करने लगी तो मैंने कहा- ज्यादा हिलो डुलो मत समधन जी, नहीं तो दोनों ही बाइक से नीचे गिर जाएंगे।
फिर उन्होंने लंड को पकड़े रखा। मैं बाइक चलाता रहा।

मुझे मजा रहा था; उनका नर्म नर्म हाथ मेरे लंड पर था, मैं चाहता था कि वो भी कुछ करे।

मैंने कहा- आप भी तो कुछ कला दिखाइये अपनी?
वो बोली- कलाकार तो आप निकले, मुझे रास्ते में ही पटा लिया आपने!
मैं बोला- कला दिखानी पड़ती है कलावती जी। तब जाकर चूत की फांकें मिलती हैं। अब आपकी अनुमति हो तो खेत देखकर बाइक रोक दूं?

चाची- रोहित जी … सही जगह देखकर बाइक रोक लीजिए और इस कलावती को आपके इस गर्म लोहे का जलवा दिखा दीजिए।
मैं- अब शर्माना छोड़िए और पूरा मज़ा लो कलावती जी!

तभी सेक्सी चाची ने मुझे पीछे से कसकर पकड़ लिया।

अब चाचीजी के गद्देदार बोबे मुझे सुकून का अहसास करवा रहे थे।

मैं आस-पास नजर मार रहा था कि कोई ऐसी जगह मिले जहां कोई रिस्क भी नहीं हो और सेक्सी चाची की हॉट चुदाई भी मस्त तरीके से हो जाए।

तभी मैंने एक कच्चे रास्ते पर बाइक मोड़ दी।
आगे चलकर एक सरसों का खेत दिखाई दिया जिसकी मेड़ रास्ते से सटी हुई थी और आसपास भी कोई नहीं था।
मैंने सोचा कि यहीं पर सही रहेगा।

चाची भी बोल पड़ी- हां, ये ठीक है, यहीं ले लो।
मैं तुरंत बाइक को मेड़ पर आगे ले गया।

अब मैंने कलावतीजी को नीचे उतारा और फिर बाइक सरसों के अंदर खड़ी कर दी।

अब मुझे कलावती जी के भोसड़े में से पानी निकालना था। मेरा लौड़ा पूरा तमतमाया हुआ था और अब खेत में चाचीजी की चूत को बजाना था। हम दोनों सरसों के खेत में अंदर घुस लिए।

कहानी अगले भाग में जारी रहेगी।
आपको कहानी पढ़ने में कितना मजा आया इस बारे में जरूर बताएँ। जल्द ही आपसे कहानी के दूसरे भाग में मुलाकात होगी।
मेरा ईमेल आईडी है

अगर कोई भाभी चाची या मौसी मुझसे मिलना चाहती है तो मुझे मेल करें। vcool362436@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *